Description
प्रस्तुत पुस्तक पाठको के हाथ में रखते हुए हमे बढी प्रसन्नता हो रही है। इस पुस्तक मे पाठजल योगसूत्र, उन सूत्रों के अर्थ और उन पर स्वामी विवेकानन्दजी की टीका भी सम्मिलित है। पाठचल योगदर्शन एक विश्व विख्यात ग्रन्थ है और हिन्दुओ के सारे मनोविज्ञान की नीव है। इसीलिए स्वामीजी स्वयं इस महत्वपूर्ण ग्रन्थ पर टीका लिख गए हैं। इस ग्रन्थ की मांग, विशेषकर स्वामीजी की टीका सहित हिन्दी-जनता बहुत बरसे से कर रही थी। परमात्मा की कृपा से हम पाठकों की मांग पूरी करने में सफल हो सके इसका हमे विशेष जानन्द है।
प्रत्येक व्यक्ति में अनन्त ज्ञान और शक्ति का आवास है राजयोग उन्हें जानू करने का मार्ग प्रदर्शित करता है। इसका एकमात्र उद्देश्य है—मनुष्य के मन को एकाग्र कर उसे ‘समाथि’ नामवाली पूर्ण एकाग्रता की अवस्था में पहुँचा देना। स्वभाव से ही मानव-मन अतिशय चचल है ।
Author: Swami Vivekanand
Publisher: Sakshi Prakashan
ISBN-13: 9789384456214
Language: Hindi
Binding: Paperback
Product Edition: 2021
No. Of Pages: 247
Country of Origin: India
International Shipping: No
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