Description
कोंकणी कथाकार दामोदर मावज़ो की ये कहानियाँ साधारण जनजीवन की सहज कथा-सम्पन्नता की साक्षी हैं। किसी भी बड़ी कलम की तरह मावज़ो की कहानियाँ भी बताती हैं कि हमारी निगाह किसी पूर्वाग्रह से बाधित न हो, तो हम हर कहीं एक कहानी देख सकते हैं, और बिना किसी शिल्प-चातुर्य का सहारा लिये उसे सीधे-सीधे बयान कर सकते हैं। गोवा के जनजीवन से निकली ये कहानियाँ सार्वभौमिक और सार्वकालिक मानव-मनोभावों, कमज़ोरियों, सपनों और दुखों की कहानियाँ हैं। मावज़ो खुली आँख से अपने परिवेश को देखते हैं और कहानी सुनने-कहने की चिरन्तन मानवीय आकांक्षा के साथ उसे अपनी कहानियों में बयान कर देते हैं। मूल कोंकणी से अनूदित उनकी चर्चित कहानियों के इस संग्रह में प्रेम, अभाव, धनहीनता के सन्ताप, उससे पैदा होनेवाली क्रूरता, चालाकी, निरुपायता के साथ आम लोगों की निष्पाप जिजीविषा, साहस और अन्य सकारात्मक जीवन-स्थितियों का अंकन बिलकुल वैसे ही किया गया है, जैसा वह हमारे जीवन में होता है। ज़्यादातर कहानियों की पृष्ठभूमि गोवा की संस्कृति और जीवन-शैली है, जिससे हिन्दी पाठक को एक भिन्न आस्वाद से गुज़रने का मौक़ा मिलता है। कहानियों की सबसे ज़्यादा मोहक विशेषता है, कहानी के बीच लेखक का सिर्फ़ एक माध्यम के रूप में रहना। किसी भी भाषिक या शैलीगत चमत्कार से अपनी मौजूदगी जताने की लेखकीय हताशा कथाकार में नहीं है, जो निश्चय ही उनके बड़ा रचनाकार होने का प्रमाण है। वे आपके इर्द-गिर्द अपने पात्रों को उनके भरे-पूरेपन के साथ आने देते हैं। आपको स्वयं उन्हें जानने, उनके साथ जीने का मौक़ा देते हैं।
Author: Damodar Mauzo, Tr. Ramita Gurav
Publisher: Rajkamal Prakashan
ISBN-13: 9789393768155
Language: Hindi
Binding: Hardbound
Product Edition: 2022
No. Of Pages: 160
Country of Origin: India
International Shipping: Yes
Reviews
There are no reviews yet.